सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज आपका स्वागत करता है

छात्र का सर्वांगीण विकास ही हमारी प्राथमिकता है। सर्वांगीण विकास से हमारा आशय है शरीर, मन, बुद्धि, और आत्मा, इनका समन्वित और सम्यक उत्थान। आज प्रतिभा पलायन पर चिन्ता व्यक्त की जा रही है इसी कारण हमने एक ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित करने का प्रयास किया है जिससे छात्र में संवेदना सकारात्मक सोच और राष्ट्रीयता के प्रति ममता की भावना का विकास हो, जिससे वह शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक दृष्टि से परिपक्व होकर सार्थक जीवन जी सके और वंचित एवं अभाव ग्रस्त बन्धुओं का हित चिन्तन भी कर सकें। अन्त में आपसे आग्रह है, कि इस पत्रिका का अवलोकन कर हमें अपने सुझावों से अवगत करायें यह भी ध्यान रखें, कि विद्यालय द्वारा दी जा रही नियमित सूचनाओं से स्वयं भी अवगत हों तथा छात्र को भी इस बात के लिये प्रोत्साहित करें कि वह भी सूचनाओं का पालन ।
शुभकामनाओं सहित आपका ही

राजकुमार कनौजिया
(प्रधानाचार्य)

हमारी विशेषताएँ

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पाठ्य सहगामी क्रियायें

अध्ययन के साथ-साथ छात्र अपनी रूचि के अनुसार विभिन्न पाठ्य सहगामी क्रियाओं (Co Curricular Activities) में भाग लेते हैं। जिनमें प्रमुख रूप से प्रश्नमंच, वाद-विवाद, पत्रवाचन, निबन्ध लेखन, कविता लेखन, चित्रकला, स्काउटिंग आदि हैं।

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छात्र दैनन्दिनी

छात्रों के सभी क्रिया कलाप छात्र दैनन्दिनी, रूपी दर्पण में प्रतिबिम्बित होते हैं। इसलिए प्रत्येक छात्र की दैनन्दिनी में उसका व्यक्तिगत विवरण दिनचर्या, गृहकार्य, सदाचार, वेश, उपस्थिति, अवकाश विवरण तथा विद्यालय एवं अभिभावक के बीच पत्र व्यवहार आदि का विवरण अंकित किया जाता है।

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नियमित स्वास्थ्य परीक्षण

छात्र स्वस्थ रहें इस हेतु नियमित रूप से नगर के प्रसिद्ध चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जाता है और समय-समय पर उसकी आख्या अभिभावकों को भेजी जाती है।

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पर्व एवं जयन्तियाँ

छात्र अपने पूज्य महापुरूषों एवं मानबिन्दुओं में आस्था रखें और अपने ऐतिहासिक गौरव को जानें, इस हेतु विद्यालय में विभिन्न पर्व जयन्तियों का आयोजन छात्र ही करते हैं। इन सभी कार्यक्रमों में प्रमुख समाजसेवी, शिक्षाविद् एवं विद्वानों का मार्गदर्शन प्रप्त होता है।

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29-01-2023

Admission open for session 2023-24.

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